रोल्ड डाहल
रोल्ड डाहल | |
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रोल्ड डाहल | |
व्यवसाय | लेखक |
राष्ट्रीयता | नॉर्वीजन |
शैली | बाल साहित्य, कहानी, कविता |
विषय | बाल साहित्य |
रोल्ड डाहल, दक्षिण वेल्स के कार्डिफ शहर में १३ सितंबर १९१६ को नॉरवे से आए एक परिवार में पैदा हुए थे। डाहल तीन साल के थे, जब उनकी सात साल की बहन की मृत्यु हो गयी। और कुछ सप्ताह के बाद उनके पिता भी चल बसे। इस हादसे के बाद, उनकी माँ डाहल को अंग्रेजी स्कूलों में दाखिला दिलाकर अपने मृत पति की इच्छा का पालन किया। डाहल को लांडाल्फ नामक एक स्कूल में भरती करने के बाद वहाँ वे ज़्यादा दिन नहीं रहे, इसलिए कि वे वहाँ जाना पसन्द नहीं करते थे। तो, फिर से और कई बार स्कूल बदलते गए। रेपटन नामक जगह से अपनी शिक्षा पूरी की। डाहल ने दूसरे विश्व युद्ध में अपनी हवाई जहाज़ उड़ानें की प्रतिभा दिखाकर, विंग कमांडर के पद को हासिल किया। उनको १९४० में एक लेखक के रूप में दुनिया ने देखा। डाहल ज़्यादातर बच्चों की कहनियाँ लिखते थे, लेकिन अपने जीवनकाल में उन्होने बच्चों से लेकर बड़ों तक के आयु वर्गों के लिए किताबें लिखी हैं। उनको बीसवीं सदी के सबसे बड़े लेखकों में से एक माना जाता है। साहित्य में उनके योगदान के लिए अन्य पुरस्कारों में १९८३ में 'वोर्ल्ड फ़ैन्टसी अवॉर्ड फ़ॉर लाइफ़्टाइम अचीवमेंट' पुरस्कार प्राप्त हुआ, और १९९० में, ब्रिटिश बुक अवार्डस में, उनको उस वर्ष के सबसे उत्तम लेखक बताया गया। डाहल की लघु कहानियाँ उनकी अप्रत्याशित और अभावुक अंत के लिए जानी जाती हैं, और अक्सर अपनी पुस्तकों में हास्य रस का ज़्यादा उपयोग करके पाठकों का ध्यान बहलाए रखने के लिए जाने जाते है। उनकी प्रसिद्ध लेखनाओं में 'जेम्स आंड द जाइंट पीच', 'मटिल्डा', 'चार्ली आंड द चोक्लेट फाक्टरी', 'द विचस', 'मै अंकल आस्वाल्ड' शामिल हैं।
युध सैनिक
[संपादित करें]अगस्त १९३९, दूसरा विश्वयुद्ध का वक्त था, जब एक फाइटर पैलेट की ज़िम्मेदारी लेकर , दार-ए-सलाम पर कब्ज़ा किये हुए जर्मनी के सिपाहियों को, रोल्ड डाहल ने रोका। डाहल 'अस्कारिस' की एक पलटन और, 'अफ्रीकी राइफल्स' के लेफ्टिनेंट बनाये गये थे। नवम्बर १९३९ में, रोलड डाहल को रॉयल एर में काम मिला। छः महिनों की ट्रेनिंग, हॉकर हॉट्स में करने के बाद, उनको पैलट अफसर बनाया गया। डाहल को इस बीच, अपने काम में कीन्या के वन्य जीवन को देख कर, प्रेरना मिली। एक हादसे में वे बहुत घायल हो गये और उनको अस्पताल में भरती किया गया, जहाँ उनहोने अपने उस हादसे की कहानी लिखने का इरादा किया। लेकिन उनको वहाँ के तीव्र काम की वजह से अकसर तब्यत खराब होने लगी। इसलिये, उनको एक ट्रेनिंग कैंप में अफसर बनाकर भेज दिया गया। युध के अंत के बाद, १९५३ में उन्होने फिल्म अभिनेत्रि, पट्रीसिया नील से विवाह किया। नवम्बर, १९६२ में उनकी बेटी ओलिविया डाहल का देहांत हो गया। अपने जीवन में मौत को देखना, उनको निराशाजनक था। १९८२ की उनकी किताब "बी एफ जी" को अपनी बेटी को समर्पित किया। यहाँ से उन्होने धार्मिक बातों की ठोस आलोचना की। उनको इज़राइल देश की स्रुष्टि की वजह से देशों में बढती हुई अशांति की नपसंदगी व्यक्त की और, इज़राइल के निर्माण को उस वक्त की समस्याओं का मूल मानते थे। वैद्यकीय अनुसंधान का प्रोत्साहन करने के लिये, वे दान करते थे, और अनाथालयों में सुविधाओं का इंतज़ाम करवाते थे।
शास्त्र समूह
[संपादित करें]डाहल के कई कहानियों में, आमतौर पर एक बच्चे की दृष्टि से लेखन किया गया है। उनकी कविताओं में, डाहल प्रसिद्ध नर्सरी गानों की एक विनोदी व्याख्या देते हैं। उनकी सबसे पहली किताब १९४२ में 'षाट ओवर लिब्या' नाम से प्रकाशित की गयी, जिसमे, उनकी युध के दिनों की कहानी है। उनकी पहली बाल साहित्य किताब, 'द ग्रेम्लिन्स' थी। उस के बाद उन्होने 'मटिल्डा', 'चार्ली आंड द चोक्लेट फाक्टरी', जैसी प्रसिध किताबों की रचना की। उनकी इन किताबों में कहानी का खलनायक, एक बच्चों के प्रति गुस्सा करनेवाला चरित्र है। 'द स्मोकर' किताब वयस्क दर्शकों के लिये लिखी, जिस पर कई चलचित्र बने हैं। उनको अपने साहित्य के योगदान के लिये, 'द मिस्ट्री राइटर्स ऑफ अमेरिका' संघटन से तीन एडगर अवार्ड दिये गये। उनका ये लिखने का अंदाज़ अपने बचपन के दिनों से मिला था, जब वे वीरों और महावीरों की कहानियाँ पढते थे। अपनी माँ की प्रशंसा करते हुए, उनको एक उत्तम बयान करने वाली बुलाया। रुड्यार्ड किप्लिंग, चार्ल्स डिकेन्स, विलियम ठाकेरे आदि महान लेखकों से प्रभाव लेते हैं।
मृत्यु और उत्तर दान
[संपादित करें]२३ नवम्बर, १९९० में रोल्ड डाहल कि एक रक्त रोग की वजह से मृत्यु हो गई। सेंट पाल चर्च, जो आज इंग्लैण्ड के बकिंगहाम्पशैर में है, वहाँ उनकी समाधि है। उनको चॉकलेट, पेनसिलों, के साथ दफनाया गया। कार्डिफ शहर में, उनके नाम से, वहाँ के मशहूर ओवल प्लाज़ा का नाम बदला गया। २००५, मिस्डन शहर में, उनके नाम का संग्रहालय बनाया गया। २००६ रॉयल सोसाइटी की सूची में, मशहूर लेखिका जे. के. रोलिंग 'चार्ली आंड द चोक्लेट फाक्टरी' को उनकी सबसे पसंदीदा किताब बताती हैं। हास्य किताबें लिखने वाले लेखकों को उनके नाम का प्रसिध पुरस्कार दिया जाता है। रोल्ड डाहल की किताबें इस सदी में भी बच्चे बडी उत्सुकता से पढते हैं।
सन्दर्भ हवाला
[संपादित करें]- https://web.archive.org/web/20151115025654/http://www.biography.com/people/roald-dahl-9264648
- https://web.archive.org/web/20080314114302/http://www.roalddahlfans.com/
- https://web.archive.org/web/20151030003106/http://www.independent.co.uk/voices/commentators/once-upon-a-time-there-was-a-man-who-liked-to-make-up-stories-2158052.html
- https://web.archive.org/web/20151030003105/http://www.dailymail.co.uk/news/article-2302667/Roald-Dahl-named-best-childrens-author-time-parents-youngsters.html