वित्रुवियस
मार्क्स वित्रुवियस पॉलिओ (इतालवी: Marco Vitruvio Pollione), (जन्म: 80-70 ई.पू., मृत्यु 15 ई.पू. के बाद) पहली शताब्दी में सक्रिय एक रोमन लेखक, वास्तुकार और अभियंता (संभवतः रोम की सैन्य अभियांत्रिकी सेवा में) था। उसके खुद के विवरण[1] के अनुसार उसने रोमन सेना की एक बैलिस्ता (तोपची) के तौर पर सेवा की थी। वित्रुवियस ने संभवतः तोपखाना विशेषज्ञ के प्रमुख और मशीनों का वास्तव में संचालन करने वाले लिबरेटॉर के तौर पर सेवा की थी।[2] वित्रुवियस को दुनिया का पहला ज्ञात अभियंता (इंजीनियर) माना गया है।[3]
जीवनी और कार्य
[संपादित करें]वित्रुवियस के जीवन के बारे में अधिक विवरण उपलब्ध नहीं हैं, यहां तक की उसके पहले नाम मार्क्स और कुलनाम पॉलिओ के बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता। उसके बारे में अधिकतर जानकारी उसकी वास्तुकला पर लिखी दस खंडों की पुस्तक डी आर्कीटेक्चुरा से ही प्राप्त होती है।
संभवत: वित्रुवियस का जन्म एक स्वतंत्र रोमन नागरिक के रूप में कंपानिया में हुआ था और उसने वास्तुकला की शिक्षा प्राप्त की थी। उसके खुद के विवरण के अनुसार उसने जूलियस सीज़र के आधीन रोमन सेना मे एक अभियंता के तौर पर कार्य किया था। वित्रुवियस ने जूलियस सीज़र के नेतृत्व में गृहयुद्ध के दौरान सैन्य वाहनों के निर्माण में सहयोग दिया था। बाद में एक सैन्य अभियंता के तौर पर उसने बैलिस्टी (प्रक्षेपास्त्र) और अन्य आयुधों का स्वतंत्र रूप से अभिकल्पन और विकास किया था। वित्रुवियस की सबसे प्रमुख परियोजनायों में फानो के वित्रुवियस बैसिलिका और रोमन जलसेतु का नाम आता है।
वित्रुवियस की मृत्यु का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिलता, इससे यह पता चलता है कि उसके जीवनकाल में उसके काम को किसी ने कोई विशेष मान्यता नहीं दी थी।
डी आर्कीटेक्चुरा
[संपादित करें]वास्तुकला पर आधारित वित्रुवियस का दस खण्डों के ग्रंथ, डी आर्कीटेक्चुरा "(लैटिन: De architectura libri decem) उस समय लैटिन में वास्तुकला पर उपलब्ध एकमात्र पुस्तक थी जिसे उसने सम्राट ऑगस्टस को उनकी सहायता के आभारस्वरूप समर्पित किया था।
वित्रुवियस ने इस ग्रंथ में यूनानी और रोमन स्थापत्य कला से संबंधित अपने अनुभव और विचारो को संकलित किया है, जो शहरी नियोजन, अभियांत्रिकी, तकनीकी मुद्दों और कलात्मक धारणा के सिद्धांतों पर आधारित हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ De Arch. Book 1, preface. section 2
- ↑ Yann Le Bohec "The Imperial Roman Army" Routledge, pg 49 2000 ISBN 0-415-22295-8 [1] Archived 2010-10-19 at the वेबैक मशीन
- ↑ The art of bridging the gap Archived 2012-01-17 at the वेबैक मशीन - The New Zealand Herald, Saturday 30 मई 2009
बाहरी कड़ियाँ
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